Gaurav Singhal
This blog is a journey through me, my soul...
Sunday, October 14, 2007
ये दुनिया अगर
ये महलों ये तख्तों ये ताजों की दुनिया
ये इंसाँ के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
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