Tuesday, August 4, 2020

सोशल मीडिया में बैठे मुल्क के लोगों के नाम...

सबको हर हालत में अपनों का बचाव करना है
अपनी कमियों पे पर्दा, दूसरों पे घाव करना है

अपने सब सही हैं दूजे सब गलत हैं
सबको पहले से ही तय ये बर्ताव करना है

कोई नहीं जो दोनों तरफ का सच बोले 
वैसे पूरा सच बोलने का दिखाव करना है

मेरा धरम मेरा मज़हब ख़तरे में है दोस्त
मुझे अपनी तरफ की कमियों का ढकाव करना है

खबर वाले भी बिक कर दो खेमों में हो गए 
इन खबरों का मक़सद ख़ून का बहाव करना है

सफेद-पोशों तुमको कामयाबी पाने को
बस ज़हर फैलाना है, और टकराव करना है

कोई एक ख़ास हो या सब बराबर हों यहाॅं
इस वक्त को मिलकर अब ये चुनाव करना है

दोनों नफ़रत वालों को कुछ पता नहीं मुद्दों का
लेकिन उनको संपूर्ण-क्रांति का प्रस्ताव करना है

आधा 'सच' जो झूठ है बकौल गीता-ओ-क़ुरान
आधा 'सच' फैला के नफ़रत और तनाव करना है

किसी एक की ही कमियां देखकर तो बस
इस समस्या का और भी गहराव करना है

गौरव तुम ने जो लिखा है इसको जा कर
बात तब है ग़र दिलों में बदलाव करना है!



- गौरव सिंघल, अगस्त-सितम्बर 2020