Tuesday, January 25, 2022

शादीशुदा जिंदगी में बहस न करें

 कहानी - कबीरदास से जुड़ा किस्सा है। एक दिन कबीर जी कपड़े बुन रहे थे और उस समय एक युवक उनके पास आया। युवक ने प्रणाम किया तो कबीर जी मुस्कान के साथ कहते हैं, 'तुम्हारे प्रणाम में ही झलक रहा है कि तुम कुछ परेशान हो, क्या बात है?'


युवक बोला, 'मेरी गृहस्थी में बहुत कलह है। मेरी पत्नी और मेरे बीच बिल्कुल भी तालमेल नहीं है, हमारी बिल्कुल नहीं बनती है। क्या आप कोई समाधान बता सकते हैं?'


कबीर जी ने कहा, 'ठहरो।' उन्होंने अपनी पत्नी लोई को आवाज लगाई और कहा, 'एक लालटेन लेकर आओ और जलाकर लाना।'


कबीर जी की पत्नी कुछ ही देर में लालटेन जलाकर ले आई। युवक ने सोचा कि अभी दोपहर का समय है, इन्होंने लालटेन मंगाई और इनकी पत्नी ने चुपचाप लाकर रख दी, कोई बहस नहीं की।


कबीर जी ने फिर अपनी पत्नी से कहा, 'इनके लिए कुछ मीठा ले आओ।'


कबीर जी की पत्नी मीठे की जगह नमकीन रखकर चली गईं। उस युवक ने कबीर जी से पूछा, 'ये आप क्या कर रहे हैं?'


कबीर जी बोले, 'जलती हुई लालटेन देखकर तुम चौंक गए, लेकिन मेरी पत्नी बहस किए बिना लाकर रख गई। मैंने मीठा बुलवाया तो वह नमकीन लाकर रख गईं तो उससे झगड़ा नहीं किया, मैंने ये सोचा कि हो सकता है कि घर में मीठा न हो, इसलिए वह नमकीन लेकर आई है। जब मैंने लालटेन मंगवाई थी तो मेरी पत्नी ने भी सोचा होगा कि दोपहर में लालटेन मंगवाना अजीब है, लेकिन बहस कौन करे तो वह लालटेन लाकर रख गईं। घर-परिवार में पति-पत्नी को धैर्य रखना चाहिए और बहस से बचना चाहिए।'


सीख - वैवाहिक जीवन में दो बातें ध्यान रखें। धैर्य रखें और बहस से बचें। अचानक कोई प्रतिक्रिया न दें। जीवन साथी कुछ कह रहा है तो धैर्य से देखें, समझें और बहस के बिना बातचीत करें।




https://www.bhaskar.com/national/news/do-not-argue-in-married-life-listen-to-what-the-wife-says-129324979.html?ref=inbound_More_News