Sunday, September 30, 2007

अब मैं बस...

कभी उठता हूँ, कभी गिरता हूँ
अब मैं बस भागता फिरता हूँ


दुख मुझको एक ठहराव देता था
कहाँ उसके जाल में घिरता हूँ!


अब मैं बस भागता फिरता हूँ


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