Tuesday, January 27, 2009

जो भी बुरा भला है...

जो भी बुरा भला है... अल्लाह जानता है

बन्दे के दिल में क्या है... अल्लाह जानता है

किस्मत के नाम को तो... सब जानते हैं लेकिन

किस्मत में क्या लिखा है... अल्लाह जानता है

नेकी- बदी को अपनी... कितना भी तू छिपाए

अल्लाह को पता है... अल्लाह जानता है

(नेकी- बदी: goodness and evil)

- These are few lines I like very much from a Jagjeet Singh ghazal, from his album Sajda.

P.S.: This link gives the whole ghazal.

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